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लेखनी कहानी -14-Feb-2022 (नशे की लत )

5) नशे की लत

छोटे छोटे उम्र के बच्चे आजकल नशे के इतने आदि हो गए है।
नया युवा पीढ़ी आज पूरा इस गिरफ्त में कैद हो गया है। हर तरफ सिर्फ एक ही चीज देखने को मिलता है। 
छोटे छोटे बच्चे के हाथों में सिगरेट गुटका .....
स्कूल जाने वाले बच्चे स्कूल ना जाकर शराब के ठेके में बैठे दिखते हैं।
13 साल का लड़का जिसे अभी पढ़ाई लिखाई करनी चाहिए वो नशे की लत का शिकार हो गया है ।
अन्ना 8 साल की उम्र में था तब से और लोगो को सिगरेट फूंकते देखता और इस गन्दी आदत को वो बड़ा कुल समझता था उसे तो अब पढ़ाई लिखाई नही करनी थी अब उसे एक गुंडा बनना था। उसने भी पहले सिगरेट गुटका फिर गांजा पीना खना चालू कर दिया और अब वो जिस आदत को बड़ा अच्छा और कुल समझता रौब समझता वो अब एक नशे का रूप ले चुका था । वो इस नशे के बिना रह नही सकता और चोरी लूटमार जैसे वारदात को अंजाम देने लगा सब उस गांजे की लत ने उससे ये करा रहा था। उसे तो ये तक नही पता वो क्या कर रहा है। बुद्धि ही उसकी पूरी क्षीण हो चुकी थी।
धीरे धीरे वो बड़ा होता गया और छटा बदमाश बन गया 13 साल की उम्र में उसने एक को जान से मार दिया । और जेल चला गया पर वो वापस आकर जेल से सुधरा नही बल्कि और बिगड़ गया । ये नशे की लत आपसे जाने क्या क्या करवा जाती है। कुछ को तो बाद में इसका पछतावा होता है । पर कुछ होते है बुद्धिजीवी जिन्हें सिर्फ और सिर्फ नशे के अलावा और कुछ नही दिखता ।

आज सबसे ज्यादा विनाश कहु या प्रलय हमारे भारत देश में ही सबसे ज्यादा नशा वेला देश बन गया है। सरकार को भी इससे काफी मुनाफा है तो वो भी सब जानकर आँख मुद रही है।ना तंबाकू बन्द कर रही ना ही शराब बस चरस गांजा हफीम
ड्रग्स और भी है जैसे विड ब्राउन शुगर --/-
नारकोटिक्स विभाग छापेमारी करता है पर बाद में सब काम सुस्त पड़ जाता है।जब सिस्टम ही उस नशे का शिकार हो तो कहा से खत्म होगा ये नशा।
जब उंसके ही बच्चे इस का हो शिकार तो कहा से आम-आदमी के बच्चे बचेंगे इस लत से।
ये तो सिस्टम ही खराब है।और हम सब यह भी सोचते है ।
ये सरकार जाने हमे क्या जब हम ही आगे नही आएंगे तो कहा से बन्द होगा ये स्लो पॉइजन मौत का सामना।
©® प्रेमयाद कुमार नवीन

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